गुरुवार, 4 अगस्त 2011

AAJ?

|||||||||||||||||आज|||||||||||||||||
 आज रिश्तों की अर्थी उठती यहाँ ,
हालत बद से बदत्तर हुए,
कहने सुनने वाला कोई नही ? 
हर आदमी दहशत में जीता यहाँ?
अपना जज्बा कोई नही?
देश में कितनी अंधेर गर्दी चल रही?
देखने सुनने वाला कोई नही?
१.२५ अरब की आबादी यहाँ
.०००००००००००००१%लोग ,
सत्ता के नेता बन जुल्म  ढाते ,
सत्ता के नेता ,अफसर,कर्मचारी जो ९५% भ्रष्ट हैं ?
गूंगा बहरा बना देश यहाँ  ?
इन्कलाब सा जज्बा कोई नही?
सैकड़ों सालों की गुलामी ने,
गुलाम  खून बना डाला ?
निर्मोही इंसानियत मानवता कोई नही ?,
हर कोई विदेशियों की उगुली पे नाच रहा 
यहाँ अपना नजरिया कोई नही?
वैश्विकर्ण कीआढ़ में ,विभिन्न विदेशी चैनलों से ,
पाश्चात्य भोतिक संक्राति परोसी जारही ?
 जिनका भारतीय संक्राति से रिश्ता कोई नही?

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