सोमवार, 15 अगस्त 2011

bhrsht kram?

?????भ्रष्ट करम??????
सिद्धांतों की बात करें,
देखो नेता बेशरम ?
करोड़ों अरबों दलाली खाएं?
राष्ट्र हित समझें अधर्म?
    दुधिया खद्दर की ओट में ,
  कोई कोना होता दिलमे नरम?
 कितना लचीला कितना जलीला,
 जिसमे भ्रष्टाचार की गंगा समा जाती?
राष्ट्रिय सम्पति क्या ?
 नेता हर सम्पति को लूटना,
समझते  है धर्म?
    स्वार्थ लालच में,
 अंधे हो गये नेता लोग,
निर्मोही उनके सारे
मानवता विरोधी होते करम

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