धर्म की आढ़ में अधर्म होता सारा
करते बदनाम धर्म को धर्म के ठेकेदारा
धर्मकी..
ठाकुर जी को भोग लगाया खट्टा मीठा सारा
ठाकुरजी तो तकते रह गये मॉल उड़े परवारा
धर्मकी ...
कथा में लूटें ,शादी में लूटें ,पंडित दलाल सारे,
ब्राह्मणों की बात करें तो ,कुनवा अजीब सारा
धर्म की ....
मरने वाला मरके चला जाता पंडित पीछा न छोड़ें
म्रत्यु भोज में पंचक कही गरुड पुराण कहीं
रुढियो का खाता खोल मारा,धर्म की ......
कुरीतियों की रित बता के बामनों ने लुट लुट खाया गंगाजी के घाट मेंपे
धर्म के नाम पे कई आडम्बर चल रहे हैं कियु?मृत्यु भोज ,अस्थि विसर्जन में किसीका कोई भी काम नही होता पर ऐसा ढकोसला किया जाता?जो समझ से विपरीत है ?गोदान वस्त्रदान मकान दान ब्वो आत्मा हाँ रहेगी?पर आप सोचे शरीर खत्म हो चूका पंचतत्व में मिल चुका ?अब ये है क्या?किसीक वि ने क हां है
जवाब देंहटाएं** ठाकुर जी को भोग लगाया खट्टा मीठा खारा
ठाकुर जी तो तकते रह गए मॉल उड़े परवारा
धर्मकी आड़ में होता काम सारा धर्मकी आड़ में होता काम सारा
एकदम सही
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