शनिवार, 18 जून 2011

PRADUSHAN

प्रदुषण का देश में 
ऐसा फेल रहा है भयंकर जाल
पर्यावरण प्रदुषित हो रहा 
स्वास्थ्य बर्धक ,जल रछक 
वनों को ख़त्म हो रहा सामराज्य
फेक्ट्रियां, जहरीले  रसायनओं को 

नदी ,नाले तालाबों  के पीने के  पानी में छोड़ रहे 
सरकार को जहरीले रसायनों के प्रदुषण का नही मलाल 
सत्ता प्रशासन की गहरी चुप्पी साधे
घोर निंद्रा में स्वार्थी सपने देख रहे दिखा रहे
ये केसा ?हो रहा भारत निर्माण?
बुद्धि जीवी अपनी बुद्धि पहले ही बेच आये 
दलाली कमीशन बाज़ी सत्ता में फेली ,
भ्रष्टाचारी की, देश बना मिशाल ?
आज़ादी के सातवे दशक में भी 
हमारे, मन का हो रहा , विदेशी गुलामों जेसा हाल?




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