करोड़ों अरबों के घोटाले कर नेता
,मंत्री अफसर ,कर्मचारी सब मिल ,
सरे आम लूटमार मचाने लगे?
देश की चिंता किसे है?
सब छककर छप्पन भोग ,
पैसे की क्रीम,मखन,सोना प्रोपर्टी बना ,
जमा पे जमा करने लगे?
बेशर्मी की हद्द देखो? इमानदारों को ,
सत्ता के दम पे झूठे केसों में फ़साने लगे?
करलो जितनी मनमानी करलो?
एक दिन सब हेकड़ी निकल जाएगी?
उसकी लाठी होगी सर पे ?
जिसकी आबाज भी तुम्हे भी न सुनाई देगी?
ईश्वर सत्य है कहते हैं उसकी लाठी में आबाज़ नही होती
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